In this article we will learn that how to write essay on Sparrow Bird In Hindi language.
निबन्ध: गौरैया (400 शब्दों में)
परिचय : गौरैया एक छोटी पक्षी है, जो दिखने दिखने में सुंदर होती है। जिसे गौरेया, चिड़ी और चिड़िया आदि नामों से भी जाना जाता है। नर गौरैया को चिड़ा और मादा गौरैया को चिड़ी या चिड़िया कहा जाता है। यह चीं- चीं की मधुर आवाज निकालने वाली पक्षी है। यह विश्व के सभी देशों में पायी जाती है। यह घरों के आस-पास छत और पेड़ों पर आसानी से दिख जाती है। विलुप्त हो रहे गौरैया पक्षी को बचाने के लिए पूरे विश्व में 20 मार्च को विश्व “गौरैया दिवस” मनाया जाता है।
Sparrow Pic |
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शारीरिक रचना : गौरैया का रंग हल्का भूरा और सफ़ेद होता है और इसके आँखों का रंग काला और पैरों का रंग भूरा होता है। गौरैया की आंखें गोल और काली होती है। मादा चिड़िया की पीठ में भूरी धारियों होती है, जबकि नर चिड़िया की पीठ लाल होती है। मादा चिड़िया के आँखों के आस-पास काला धब्बा पाया जाता है, जबकि नर गौरैया में यह धब्बा नहीं होता है। इसकी एक मजबूत छोटी चोंच होती है, जिसका रंग पीला होता है। गौरैया के पंखों का रंग हल्का चॉकलेटी होता है और इसका पूरा शरीर पंखों से ढका हुआ होता है। चिड़ियाँ की लम्बाई लगभग 15 से 17 सेंटीमीटर तक होती है।
रहन-सहन और विशेषताएं : गौरैया को समूहों में रहना और उड़ना बहुत पसंद होता है। यह घरों के आस-पास के छत और पेड़ों पर रहना ज्यादा पसंद करती है। यह इंसानों के मध्य/बीच में भी रहना ज्यादा पसंद करती है। प्रजनन के समय मादा गौरैया 2 से 3 तक अंडे देती है और इसके अंडे सफेद और छोटे होते हैं। मादा गौरैया भी अपने अंडे सेती है जिनसे 20 दिन बाद बच्चे बाहर निकलते हैं। गौरेया लगभग 38 किलोमीटर प्रति घण्टे की रफ्तार से उड़ती है। यह सभी सार्वजनिक स्थानों पर बड़ी आसानी से दिख जाती है।
आहार/भोजन : गौरैया एक सर्वाहरी पक्षी है और यह भोजन की तलाश में कई किलोमीटर तक का सफर तय भी कर लेती है। यह अपने भोजन में फूलों के बीज, अनाज और कीड़े-मकोड़े को खाती है। गौरैया पानी के आस-पास रहना ज्यादा पसंद करती है।
गौरैया प्रजाति को बचाना : आज हमें गौरैया देखने को बहूत कम ही मिलती है, क्योंकि दिन-प्रतिदिन यह पक्षी विलुप्त होती जा रही है। चिड़िया को बचाने के लिए प्रत्येक व्यक्ति को अपने घर में थोड़ा सा हिस्सा बागवानी के लिए रखना चाहिए, जहाँ बगान और छत में पक्षियों के लिए खाना तथा पानी की व्यवस्था हो। इस दुर्लभ पक्षी को बचाने के लिए पुरे विश्व में प्रत्येक साल 20 मार्च को “विश्व गौरैया दिवस” मनाया जाता है, ताकि इस पक्षी को बचाने में लोग सहयोग करें।
जीवनकाल : एक गौरैया का जीवनकाल लगभग 3 से 4 साल तक का होता है।
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