स्वामी दयानंद सरस्वती जयंती
स्वामी दयानंद सरस्वती जयंती 12 फरवरी को मनाया जाता है। यह जयंती महान भारतीय दार्शनिक और आध्यात्मिक नेता, स्वामी दयानंद सरस्वती के सम्मान में मनाई जाती है। उन्होंने 19वीं शताब्दी के दौरान भारतीय पुनर्जागरण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी।
स्वामी दयानंद सरस्वती ने सामाजिक सुधार और धार्मिक सद्भाव के विचार को बढ़ावा दिया। उन्होंने वेदों के महत्व पर जोर दिया था। उन्होंने समाज का मार्गदर्शन करने के लिए वैदिक शिक्षाओं की वकालत की थी। उनका लक्ष्य अपनी शिक्षाओं के माध्यम से जातिगत भेदभाव और अंधविश्वास जैसी सामाजिक बुराइयों को खत्म करना था।
इस दिन, लोग स्वामी दयानंद सरस्वती की शिक्षाओं को फैलाने के लिए प्रार्थना सभा, सेमिनार और व्याख्यान आयोजित करके उन्हें श्रद्धांजलि देते हैं। स्वामी दयानंद सरस्वती की शिक्षाएँ हमें अंधविश्वासों पर सवाल उठाने, शिक्षा अपनाने और समाज की भलाई के लिए काम करने के लिए प्रोत्साहित करती हैं। उनकी जयंती भारतीय समाज में उनके योगदान और उनके शाश्वत ज्ञान की याद दिलाती है जो हमें बेहतर भविष्य की दिशा में मार्गदर्शन करती रहती है।
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