Essay Writing, Letter Writing, Notice Writing, Report Writing, Speech, Interview Questions and answers, government exam, school speeches, 10 lines essay, 10 lines speech

Recent

Search Box

Wednesday, December 28, 2022

महाराणा प्रताप पर निबंध - Essay on Maharana Pratap In Hindi - About Maharana Pratap In Hindi

Hello my students we will learn that how to write Essay on Maharana Pratap In Hindi - About Maharana Pratap In Hindi Language - महाराणा प्रताप पर निबंध

महाराणा प्रताप (450 शब्द )

परिचय: महाराणा प्रताप एक क्षत्रिय तथा वीर योद्धा थे। उन्हें उनकी वीरता, शौर्य, त्याग, पराक्रम और दृढ प्रण के लिए जाना जाता है। महाराणा प्रताप उदयपुर, मेवाड़ में सिसोदिया राजवंश के राजा थे। उन्होंने युद्ध में मुगलों को कई बार हराया था और अपने जीवन में कभी मुगलों की अधीनता स्वीकार नहीं की थी। उन्होंने अपने मातृभूमि की रक्षा के लिए अपना जीवन तक न्योछावर कर दिया था।
Picture: Maharana Pratap (महाराणा प्रताप)
जन्म-स्थान एवं माता-पिता: महाराणा प्रताप का जन्म 9 मई 1540 ईस्वी में कुम्भलगढ़ दुर्ग में हुआ था। उनके पिता का नाम उदयसिंह और माता का नाम जयवंता बाई था।

बचपन तथा पालन पोषण: महाराणा प्रताप बचपन से ही एक प्रतिभावान बालक थे। महाराणा प्रताप का बचपन भील समुदाय के साथ बिता था। वह भीलों के साथ युद्ध कला सीखते थे, जिसमे वे भाला चलाना, तलवारबाजी करना, घुड़सवारी करना सीखते थे।

कौशल व् प्रतिभा: महाराणा प्रताप एक वीर योद्धा थे। वे सभी तरह के अस्त्र-शस्त्र चलानें में पूरी तरह से निपुण थे जैसे: भाला चलाना, तलवार चलाना, घुड़सवारी करना इत्यादि। उनके पास उनका सर्वश्रेष्ठ घोड़ा चेतक था। ऐसा कहा जाता है कि महाराणा प्रताप युद्ध के समय 72 किलो का कवच पहनते थे और 81 किलो का भाला अपने हाथ में रखते थे।

वैवाहिक जीवन: महाराणा प्रताप नें अपने जीवन में कुल 11 शादियाँ की थी। उनके 17 बेटे और 5 बेटियां थी।

राज्याभिषेक: महाराणा प्रताप का प्रथम राज्याभिषेक में 28 फरवरी 1572 गोगुन्दा में हुआ लेकिन विधि विधानस्वरूप द्वितीय राज्याभिषेक 1572 ई. में ही कुम्भलगढ़ दुर्ग में हुआ।

मुगलों से संघर्ष: महाराणा प्रताप एक प्रतापी तथा कुशल योद्धा थे। उन्होंने अपने जीवन में कई बार मुगलों से युद्ध किये तथा उन्होंने अपने पराक्रम से पूरे मुगल साम्राज्य को घुटनो पर ला दिया था। उन्होंने अपनें जीवन में कभी मुगल बादशाह अकबर की अधीनता स्वीकार नहीं की थी।

हल्दीघाटी युद्ध: महाराणा प्रताप नें मुगलों से कई युद्ध किये लेकिन हल्दीघाटी का युद्ध इतिहास में सबसे यादगार युद्ध में से एक है। हल्दीघाटी के युद्ध में महाराणा प्रताप ने मेवाड़ की सेना का नेतृत्व किया था। हल्दीघाटी का ऐतिहासिक युद्ध 18 जून 1576 ईस्वी में मेवाड़ तथा मुगलों के मध्य हुआ था। अकबर की विशाल सेना के सामने महाराणा प्रताप और उनके सैनिकों नें मुग़लों के छक्के छुड़ा दिया थे। इस युद्ध में हजारों महारथियों ने अपनें जीवन का बलिदान दे दिया था। महाराणा प्रताप के प्रिय घोड़ा चेतक ने भी अपने प्राणों की आहुति दी थी। महाराणा की सेना ने मुगलों की सेना को पीछे हटने के लिए मजबूर कर दिया था और इस युद्ध में मेवाड़ के महाराणा प्रताप विजय हुए थे।

मृत्यु: महाराणा प्रताप की मृत्यु 19 जनवरी 1597 मे हुई थी। उस समय उनकी उम्र 56 साल की थी। उनका नाम इतिहास में वीरता, शौर्य, त्याग, पराक्रम और दृढ प्रण के लिये सदा अमर रहेगा।
YouTube: Silent Course

No comments:

Post a Comment