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निबंध: छत्रपति शिवाजी महाराज (400 शब्द)
परिचय: छत्रपति शिवाजी महाराज भारत के एक महान आदर्श राजा थे। छत्रपति शिवाजी महाराज का पूरा नाम शिवाजी भोसले था। वे एक बहूत ही बहादुर, बुद्धिमानी और शौर्यवीर शासक थे। उन्होंने ही पश्चिम भारत में मराठा साम्राज्य की नींव रखी थी। शिवाजी महाराज मराठी और संस्कृत भाषाओं के समर्थक थे।
Picture: Shivaji Maharaj |
जन्म-स्थान एवं माता-पिता: शिवाजी महाराज का जन्म 19 फरवरी 1630 शिवनेरी दुर्ग, महाराष्ट्र में हुआ था। उनके पिता का नाम शाहजी भोंसले और माता का नाम जीजाबाई भोंसले था।
लालन-पालन और शिक्षा: शिवाजी महाराज के चरित्र पर उनके माता-पिता का बहुत प्रभाव पड़ा था। उनका पुरा बचपन उनकी माता के मार्गदर्शन में ही बीता था। उनकी माँ उन्हें रामायण और महाभारत की कहानियाँ बताया करती थी ताकि शिवाजी का चरित्र निर्माण हो सके। शिवाजी महाराज नें बचपन में ही शास्त्र विद्या के साथ शस्त्र विद्या की भी शिक्षा लेना शुरू कर दिया था।
वैवाहिक जीवन: शिवाजी महाराज का विवाह सइबाई निंबाळकर के साथ 14 मई 1640 में लाल महल, पुणे में हुआ था। उन्होंने अपनें जीवन में कुल 8 शादियाँ की थी। शिवाजी महाराज के कुल 8 बच्चे थे, जिनमें से 2 बेटे और 6 बेटियाँ थीं।
राज्याभिषेक: शिवाजी महाराज का राज्याभिषेक सन् 1674 में रायगढ़ में हुआ था। राज्याभिषेक होते ही वह "छत्रपति" बने।
कौशल: शिवाजी एक वीर पुरुष थे। वे छापामार युद्ध की कला में प्रवीण व् माहिर थे। उन्होंने ही छापामार युद्ध को विकसित किया था। शिवाजी महाराज सभी तरह के शस्त्र चलानें में पूरी तरह से निपुण थे।
मुगलों से संघर्ष: शिवाजी महाराज ने अपना पूरा जीवन मुगलों से संघर्ष करते हुए बिताया। शिवाजी महाराज के सबसे बड़े शत्रु मुग़ल थे। वे मुगलों का नामों निशान देश से मिटा देना चाहते थे। उन्होंने अपनें रणनीति से मुगलों को कई बार युद्ध में परास्त किया।
औरंगजेब और अफजल खां से युद्ध/संघर्ष: औरंगजेब और अफजल खां शिवाजी महाराज के प्रबल शत्रु थे। औरंगजेब और शिवाजी महाराज में कई युद्ध हुए, जिसमें औरंगजेब को हार का सामना करना पड़ा। अफजल खां शिवाजी को बंदी बनाना व् जान से मारना चाहता था। जब शिवाजी महाराज संधि के लिए अफजल खां से मिले तो अफजल खां ने अपने चाकू से शिवाजी पे वार किया तब बचाव में शिवाजी महाराज ने अफजल खां को अपने अस्त्र वाघनख से मार दिया।
निधन: भारत के महान योद्धा शिवाजी महाराज का निधन 3 अप्रैल 1680 को रायगढ़, महाराष्ट्र में हुआ था। छत्रपति शिवाजी महाराज को इतिहास के पन्नों में एक कुशल और प्रबुद्ध सम्राट के रूप में हमेशा जाना जायेगा।
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