Hello my viewers we will learn that how to write English Essay on Dowry System (Essay On Dahej Pratha In Hindi Language.
निबंध : दहेज़ प्रथा एक अभिशाप
प्रस्तावना: दहेज प्रथा एक ऐसी कुप्रथा है, जो सदियों से यह प्रथा चलती आ रही है। दहेज प्रणाली समाज में प्रचलित बुराइयों में से एक है। शादी के दौरान दुल्हे के परिवार को लड़की के परिवार की तरफ से पैसे, संपत्ति, आभूषण और फर्नीचर आदि दी जाती है, जिसे दहेज प्रणाली कहा जाता है। दहेज के लिए लड़की व् उसके परिवार को परेशान किया जाता है और यह दहेज प्रथा दुनिया भर में कई हिस्सों में फैली हुई है।
Pic: Dahej Pratha (Dowry System) |
दहेज प्रथा की शुरुआत: यह दहेज प्रथा इसलिए शुरू की गई थी ताकि लड़कियों को शादी के बाद आर्थिक रूप से मदद मिल सके और अपना जीवन-यापन ठीक से कर सके, लेकिन बदलते समय के साथ लोगों के अंदर पैसों के प्रति लालच पैदा हो गया और इस दहेज प्रथा ने धीरे-धीरे एक बुराई का रूप धारण कर लिया।
दहेज प्रथा एक अभिशाप: दहेज प्रथा आज के समय में एक अभिशाप है, क्योंकि इस दहेज प्रथा नें लोगों के अंदर पैसों का लालच भर दिया है। शादी से पहले ही लड़के या लड़के के घरवालो की तरफ से भारी-भरकम सम्पति व पैसों की मांग रख दी जाती है और लड़कीवाले दहेज देने की चक्कर में अपना घर, ज़मीन तक गिरवी रख देते हैं या बेच देते हैं ताकि उसकी बेटी को ससुराल में कोई परेशानी का सामना न करना पड़े। वर्तमान में यदि लड़के के घर घरवालों को मनचाहा दहेज नहीं मिल पाता तो लड़की को ससुराल में बहुत परेशान किया जाता है। शादी में दहेज देने के बावजूद भी लड़की को ससुराल में और दहेज देनें के लिए पड़ताड़ित किया जाता है, जिस कारण लड़की परेशान होकर आत्महत्या तक कर लेती है।
दहेज प्रणाली कायम क्यों है: दहेज प्रणाली अभी भी चल रही है, जिसके कुछ कारण है:
1) परंपरा: सदियों से परम्परा के नाम पर यह दहेज़ प्रथा चलती आ रही है।
2) प्रतिष्ठा: समाज में अपनी प्रतिस्था व् रुतबा बंनानें के लिए दहेज़ लिया और दिया जाता है।
3) कानून का अभाव: दहेज लेना दंडनीय अपराध है फिर भी लोग बिना डर के दहेज लेते हैं।
दहेज प्रणाली को समाप्त करने के संभावित तरीके:
1) शिक्षा: दहेज प्रथा को समाप्त करनें के लिए लोगों का शिक्षित होना बहूत जरूरी है।
2) सख्त कानून: अगर कोई दहेज के लिए किसी को परेशान करता है, तो उस पर तुरंत कानूनी करवाई होनीं चाहिए और उसे कानून के तहत कड़ी से कड़ी सजा मिलनी चाहिए।
3) महिला सशक्तीकरण: हर एक माता-पिता को चाहिए कि वह अपनी बेटी को पढ़ा-लिखा कर इस काबिल बनाये की वह स्वयं पर निर्भर रहे।
निष्कर्ष: दहेज़ जैसी कुप्रथा को जड़ से समाप्त करनें के लिए हमें आवाज़ उठानी चाहिए और इस दहेज प्रथा की जोरदार निंदा भी करनी चाहिए। यह दहेज प्रणाली लड़की और उसके परिवार के लिए पीड़ा का कारण बनता है। इस कुरीति से छुटकारा पाने के लिए सरकार को अभी भी सख्त से सख्त कानून बनाने की जरूरत है ताकि लोग दहेज़ के लिए लड़की या उसके घरवालों को परेशानी को सामना न करना पड़े। इस दहेज प्रणाली को पूरी तरह से समाप्त करने के लिए सरकार और आम जनता को साथ खड़ा रहनें की जरुरत है।
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