In this page we will learn that how to write Essay on My Favourite Game Kho Kho In Hindi language (मेरा प्रिय खेल खो-खो निबंध)
निबंध : मेरा प्रिय खेल खो-खो
विश्व में कई तरह के खेल खेले जाते हैं, लेकिन मेरा प्रिय खेल खो-खो है। मुझे खो-खो खेल खेलना बहूत पसंद है। मैं और मेरे स्कूल के सभी मित्र ब्रेक टाइम में प्रतिदिन इस खेल को खेलते हैं। मैं इस खेल को रोजाना शाम को भी अपने मित्रों के साथ खेलता हूँ।
खो-खो का यह खेल भारत में बहुत ही प्राचीन समय से खेला जा रहा है। इस खेल का जन्मस्थान भारत के पुणे शहर को कहा जाता है। यह प्रसिद्ध खेल महाराष्ट्र, गुजरात और मध्य प्रदेश में सबसे अधिक खेला जाता है, लेकिन अब यह खेल भारत के हर शहर में बहूत तेजी से प्रसिद्ध हो रहा है।
खो-खो एक बहूत ही आसान खेल है और इसे खेलने में किसी प्रकार का खतरा नहीं होता। इस खेल को खेलने के लिए शरीर में तेजी और फुर्ती की बहुत ही ज्यादा आवश्यकता होती है। पुरुष और महिला दोनों इस खेल को आसानी से खेल सकते हैं। इस खेल को खेलने के लिए मिट्टी का मैदान बहूत सही/अच्छा रहता है, क्योंकि इससे खिलाड़ीयों को किसी तरह का चोट नहीं लगता।
इस खेल को खलनें के लिए कुछ नियम बनाये गए हैं जैसे इस खेल में दो दल(टीम) होते हैं और प्रत्येक दल में 9 खिलाडी और 3 अतिरिक्त खिलाड़ी होते हैं। इस खेल को खेलनें के लिए एक मैदान की आवश्यकता भी होती है, जिसमें 10-10 फुट का स्थान छोड़कर 4-4 फुट ऊंचे लकड़ी के खंभे दोनों तरफ लगाए जाते हैं। खम्भों के बीच एक रेखा खीच दी जाती है, जिसमें दोनों टीम के खिलाड़ियों को एक दूसरे के विरुद्ध/विपरीत दिशा में बिठा दिया जाता है। खो-खो खेल शुरू करनें के लिए जैसे ही सीटी बजती है, एक टीम का खिलाड़ी दूसरी टीम के खिलाड़ी को पकड़ने में लग जाता है और अगर वह खिलाड़ी दूसरे खिलाड़ी को दौड़ते हुए पकड़ लेता है, तो दूसरी टीम का खिलाड़ी उस खेल से उसी समय बाहर हो जाता है।
इस खेल को खेलने से आपस में भाईचारा बढ़ता है और हमारा शारीरिक विकास के साथ मानसिक विकास भी होता है। इस खेल को खेलने से शरीर हमेशा स्वस्थ रहता है। इसलिए खो-खो खेल मेरा प्रिय/पसंदीदा खेल है।
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THANKS
ReplyDeleteVery useful
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