Hello my students we will learn that how to write essay on "Lata Mangeshkar" In Hindi Language.
निबंध : लता मंगेशकर (450 शब्द)
परिचय : लता मंगेशकर जी दुनिया के सर्वश्रेष्ठ गायिकाओं में से एक थीं। वह एक भारतीय पार्श्व गायिका थीं। उनकी बेहतरीन गायकी और सुरम्य आवाज के दीवानें/प्रशंसक दुनिया भर में हैं। उनकी मधुर गायिकी के कारण हीं लता मंगेशकर जी को ‘स्वर कोकिला’, ‘स्वर-साम्राज्ञी’ और ‘भारत कोकिला’ के नाम से भी जाना जाता है। लता मंगेशकर जी को लोग प्यार से 'लता दीदी' कहकर पुकारते थे।
जन्म-स्थान एवं परिवार : लता मंगेशकर जी का जन्म 28 सितम्बर 1929 को मध्यप्रदेश के इंदौर शहर, भारत में एक मराठी परिवार में हुआ था। इनके पिता का नाम दीनानाथ मंगेशकर और माता का नाम शेवन्ती मंगेशकर था। इनका 1 छोटा भाई और 2 छोटी बहनें थी। लता मंगेशकर जी नें कभी शादी नहीं की थी।
शिक्षा: लता मंगेशकर अपनें जीवन में सिर्फ एक ही बार स्कूल गई थी, उसके बाद उन्होंने अपनी पूरी पढ़ाई घर से ही की। हालाँकि उन्हें विश्व के 6 विश्वविद्यालयों से डॉक्टरेट की मानद उपाधि दी गई है।
बचपन तथा संघर्ष : लता मंगेशकर जी का जन्म इंदौर में हुआ था, लेकिन उनकी परवरिश महाराष्ट्र में हुई थी। लता जी जब 13 साल की थीं, तभी उनके पिता का निधन हो गया था। पिता के निधन के बाद लता जी को काफी संघर्षों का सामना करना पड़ा। भाई-बहनों में बड़ी होने के कारण परिवार की सारी जिम्मेदारी का बोझ उनके कंधों पर आ गया था। जीवन-यापन करनें के लिए उन्हें पैसों की बहूत दिक्कत होने लगी थी। उन्हें अभिनय बहूत पसंद था, इसलिए उन्होंने घर चलानें के लिए कुछ मराठी और हिंदी फिल्मों में अभिनय करना शरू कर दिया और साथ में पार्श्वगायन भी किया।
गायन क्षेत्र : लता मंगेशकर जी बचपन से ही एक गायक/गायिका बनना चाहती थी। इनके पिता भी रंगमंच के कलाकार और गायक थे, इसलिए लता जी नें भी अपना करियर और आजीविका के लिए संगीत को ही चुना। वर्ष 1948 में उन्होनें पार्श्वगायिकी में कदम रखा था। उन्होनें 20 से अधिक भाषाओं में 30000 से अधिक गाने गाए हैं। वह हमेशा नंगे पाँव गाना गाती थीं।
प्रसिद्द गानें : ऐ मेरे वतन के लोगों, अल्लाह तेरो नाम, सत्यम-शिवम-सुंदरम, ए-दिल-ए-नादान, आज फिर जीने की तमन्ना है जैसे ढ़ेरों गानें है, जिसे लगातार सुना जा सकता है।
पुरस्कार: लता जी को 1969 में पद्म भूषण, 1974 में दुनिया में सबसे अधिक गीत गाने का गिनीज़ बुक रिकॉर्ड अवार्ड, 1989 में दादा साहेब फाल्के पुरस्कार, 1993 में फिल्म फेयर का लाइफ टाइम अचीवमेंट पुरस्कार, 1997 में महाराष्ट्र भूषण, 1999 में पद्म विभूषण, 2001 में भारत रत्न से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा उन्हें कई अन्य पुरस्कारों से भी सम्मानित किया गया है।
निधन/मृत्यु : मुंबई में स्थित ब्रीच कैंडी हॉस्पिटल में 6 फरवरी 2022 को ‘सुरों की कोकिला’ लता मंगेशकर जी नें अपनी अंतिम सांस ली थी।
Facebook: Silent Course
YouTube: Silent Course
It's very Helpful
ReplyDeleteNice essay
ReplyDeleteNice Essay. It is helpful.
ReplyDeleteNice
ReplyDeleteThere are few mistakes but since as of it is point wise it's helpful.....
ReplyDelete