In this article we will learn that how to write "Essay on Mahatma Gandhi Gram Swaraj | Mahatma Gandhi Gram Swaraj Essay in Hindi. (Mahatma Gandhi Gram Swaraj Par Hindi Ninbandh)
Mahatma Gandhi Gram Swaraj Essay (350 Words)महात्मा गांधी ग्राम स्वराज पर निबंध
परिचय : ग्राम स्वराज रामराज्य व्यवस्था की पहली सीढ़ी है। रामराज्य से तात्पर्य है - सभी सुखों से परिपूर्ण एक समाज व् गाँव या देश। स्वराज एक पवित्र एवं वैदिक शब्द है जिसका अर्थ होता है- आत्म शासन एवं आत्म संयम। महात्मा गांधीजी नें भी गावों के विकास के लिए ग्राम स्वराज पर सबसे ज्यादा बल दिया था। इनका हमेशा से मानना था कि भारत की असली पहचान गाँव ही है। गांधीजी के अनुसार प्रत्येक गांव को आत्मनिर्भर और सक्षम होना चाहिए।
Gram Swaraj |
महात्मा गांधी जी का ग्राम स्वराज के लिए योगदान : महात्मा गांधीजी का समग्र चिंतन एवं दर्शन का केंद्र गांव ही रहा है। गांधीजी के अनुसार ग्राम स्वराज का मतलब भारत के प्रत्येक गांव को स्वतंत्र और आत्मनिर्भर बनाने से था। इनका मानना था कि अगर गाँव नष्ट हो गये तो हिंदुस्तान भी नष्ट हो जायेगा, क्योंकि हिंदुस्तान की असली पहचान भारत का गाँव ही है। इसलिए गाँवों को आत्मनिर्भर बनाने के लिए गाँधी जी नें पंचायती राज व्यवस्था पर जोर दिया था। इन्होनें स्वदेशी वस्तुओं को अपनाने के लिए लोगों को निरंतर जागरूक किया। गाँवों को आत्मनिर्भर बनाने के लिए इन्होंने खादी को अपनाने का बढावा दिया और विदेशी वस्तुओं का बहिष्कार करनें संदेश भी फैलाया। विदेशी वस्तुओं का उपभोग करनें के बजाय लोग अपनी जरुरत के लिए अनाज, दूध, साग, सब्जी, फल, कपास, सूत, और खादी आदि की पैदावार गाँव में ही करनें`की सलाह गांधीजी नें दी थी। ऐसा करने से गांव के लोग आजीविका के लिए खुद आत्मनिर्भर रहेंगे।
ग्राम स्वराज का महत्व व उद्धेश्य : ग्राम स्वराज का मुख्य उद्देश्य सामाजिक समरसता को बढ़ावा देना, गरीब परिवारों तक पहुंच बनाना, शिक्षा, स्वास्थ्य, आवास से जुड़ी सभी समस्याओं को हल करना और केंद्र सरकार की जन-कल्याणकारी योजनाओं से वंचित रह गए लोगों को लाभान्वित करना है।
निष्कर्ष : गाँधीजी के सपनों के अनुसार भारत का हर एक गाँव आत्मनिर्भर हो। आदर्श भारतीय गांव इस तरह बसाया जाना चाहिए, जहाँ गाँव में खेती के लिए उचित साधन, पाठशाला, अस्पताल और सभा-भवन हों। ऐसा स्वराज जो किसी भी जाति या धर्म को देखकर मान्यता नहीं देता बल्कि एक ऐसा स्वराज जो सभी के लिए एक समान हो, चाहे वह किसी भी जाति या धर्म से हों, जिसका लाभ गाँव का हर एक नागरिक उठा सकें।
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