Hello my viewers we will learn that how to write essay on International Non-Violence Day In Hindi. अंतर्राष्ट्रीय अहिंसा दिवस पर निबंध.
अंतर्राष्ट्रीय अहिंसा दिवस
विश्वभर में अंतर्राष्ट्रीय अंहिसा दिवस प्रतिवर्ष 2 अक्टूबर को मनाया जाता है। इस महत्वपूर्ण दिवस को भारत में गांधी जयंती के रूप में मनाया जाता है, क्योंकि गांधीजी विश्व भर में अपने अहिंसात्मक आंदोलन के लिए जाने जाते हैं। गांधीजी उन महान लोगों में से एक थे जिनका प्रभाव पूरे विश्व में पड़ा है। गांधीजी के विचारों से प्रभवित होकर ही नेल्सन मंडेला और मार्टिन लूथर किंग जैसी महान हस्तियों ने अहिंसा का मार्ग चुना था। गांधीजी सत्य और सच्चाई के प्रतिक माने जाते हैं। उन्हें सत्य और अहिंसा का पुजारी भी कहा जाता है। इसलिए 2 अक्टूबर को गांधीजी के जन्मदिवस के दिन अंतर्राष्ट्रीय अंहिसा दिवस मनाया जाता है।
International Non-Violence |
अंतर्राष्ट्रीय अंहिसा दिवस मनाने के लिए सयुंक्त राष्ट्र महासभा में एक प्रस्ताव पारित किया गया जो इस प्रकार है :
महात्मा गाँधी जी को सम्मान देने के लिए सयुंक्त राष्ट्र महासभा में अंतर्राष्ट्रीय अंहिसा दिवस मनाने का प्रस्ताव लाया गया था। इसके लिए 15 जून 1907 को संयुक्त राष्ट्र महासभा में 2 अक्टूबर की तारीख को अंतर्राष्ट्रीय अहिंसा दिवस स्थापित करने के लिए मतदान किया गया। जिसमें 191 देशो में से 140 देशों ने इसका समर्थन किया कि अंतर्राष्ट्रीय अहिंसा दिवस 2 अक्टूबर को ही मनाया जाए। इन सभी सदस्यों के समर्थन के बाद महासभा में इस प्रस्ताव को पारित करके प्रतिवर्ष 2 अक्टूबर को अन्तरराष्ट्रीय अहिंसा दिवस मनाये जाने की घोषणा की गयी। घोषणा होने के बाद हर वर्ष 2 अक्टूबर की तारीख को अंतर्राष्ट्रीय अहिंसा दिवस मनाया जा रहा है। विश्व भर में शांति के संदेश को बढ़ावा देने और महात्मा गाँधी के योगदान को सराहने के लिए ही इस दिन को वैश्विक स्तर पर गांधीजी के प्रति सम्मान व्यक्त करने के लिए यह अंतर्राष्ट्रीय अंहिसा दिवस मनाया जाता है।
अंतर्राष्ट्रीय अंहिसा दिवस मनाने का मुख्य उद्देश्य :
इस दिवस को मनाने का मुख्य उद्देश्य सम्पूर्ण विश्व में शांति स्थापित करना है और सभी देशों के नागरिकों को सत्य और अहिंसा का मार्ग अपनाने का सन्देश देना है। सत्य और अहिंसा का मार्ग अपनाने से ही देश का विकास होता है। आज की पीढ़ी और आगे आने वाली पीढ़ी को अहिंसा के महत्व को समझना चाहिए और इसे अपने जीवन में अवश्य अपनाना चाहिए।
महात्मा गाँधी की जीवनी:
महात्मा गांधी भारत के एक महान स्वतंत्रता सेनानी थे। इनका जन्म 2 अक्टूबर 1869 को गुजरात के पोरबंदर नामक स्थान पर हुआ था। इनके पिता का नाम करमचंद गांधी और माता का नाम पुतलीबाई था। इनकी धर्मपत्नी का नाम कस्तूरबा गांधी था। इनके चार बेटे थे : हरिलाल गांधी, रामदास गांधी, देवदास गांधी और मणिलाल गांधी। महात्मा गांधी को बापू और राष्ट्रपिता के नाम से भी जाना जाता है। वे सत्य और अहिंसा के पुजारी थे। महात्मा गांधीजी का पूरा नाम मोहनदास करमचंद गांधी है। इन्होने अपनी कानून के पढ़ाई इंग्लैंड से की और पढ़ाई पूरी करने के बाद वे भारत वापस लौट आए। इसके बाद महात्मा गाँधी ने ब्रिटिश शासन से भारत को स्वतंत्र कराने के लिए अन्य क्रांतिकारीयों के साथ मिलकर कई आन्दोलन किये। गांधीजी ने सत्य और अहिंसा का मार्ग अपनाकर ही आखिरकार 15 अगस्त 1947 में भारत देश को ब्रिटिश शासन से मुक्त कराने में सफल हुए। अंत में देश की सेवा करते हुए 30 जनवरी 1948 को महात्मा गांधी जी का निधन हो गया।
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