अर्थव्यवस्था पर कोविड-19 का प्रभाव पर निबंध
पूरी दुनिया में महामारी कोविड-19 यानि कोरोनावायरस के प्रकोप ने राजनीतिक, सामाजिक, आर्थिक, धार्मिक और वित्तीय संरचनाओं को विचलित कर दिया है। भारत, अमेरिका, चीन, ब्रिटेन, जर्मनी, फ्रांस, इटली, जापान और कई अन्य देश दुनिया की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्थाओं के पतन के कगार पर हैं। इसके अलावा, कोविड-19 वैश्विक अर्थव्यवस्था को सबसे ज्यादा नुकसान पहुँचा रहा है। द्वितीय विश्व युद्ध के बाद से आज पूरी दुनिया सबसे कठिन आर्थिक स्थिति का सामना कर रही है। अधिकांश राष्ट्र अपनी आर्थिक संरचना के मंदी और पतन से गुजर रहे हैं जो इस संबंध में उनके लिए विकट परिस्थितियों को इंगित करता है। लगभग 80 देशों ने पहले ही वित्तीय मदद के लिए अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (International Monetary Fund) (आईएमएफ) से अनुरोध किया है।
Picture of Covid-19 |
English Essay : Essay on Impact of Covid-19 (Coronavirus) on Global Economy
कोरोनावायरस महामारी फैलने की गति बढ़ रही है और इससे देश का अधिक आर्थिक नुकसान हो रहा है। कोरोनावायरस महामारी के बीच, दुनिया भर के कई देशों ने संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए लॉकडाउन का सहारा लिया। देश में लॉकडाउन करने का मतलब लाखों नागरिकों को उनके घरों तक सीमित करना, व्यवसायों को बंद करना और लगभग सभी आर्थिक गतिविधियो को बंद करने से है। इसमें सबसे अधिक प्रभावित पर्यटन और यात्रा से संबंधित परिवहन, होटल, रेस्तरां, खेल, इलेक्ट्रॉनिक्स, वित्तीय बाजार, सुपरमार्केट्स और स्वास्थ्य प्रणालि हुए हैं।
वर्ष 2020 के लिए 2% से कम की वैश्विक अर्थव्यवस्था की परिकल्पना की गई है, जिसकी लागत शायद 1 ट्रिलियन डॉलर होगी। जो की देश की उन्नति के लिए यह ठीक नहीं हैं।
दुनिया भर में गंभीर और बिगड़ती परिस्थितियों को देखते हुए सभी देशों को आपस में सहयोग करनें की आवश्यकता है, जिसमें सभी देश एकजुट होकर कोरोनावायरस महामारी को जड़ से ख़त्म करने के लिए प्रभावी ढंग से इस वायरस के खिलाफ लड़ने की आवश्यकता है। यह समय राजनीतिक दृष्टी से एक-दूसरे देश के साथ लड़ाई या दोष देने का समय नहीं है, बल्कि वैश्विक आर्थिक और वित्तीय ढांचे को बचाने के लिए सभी देशों को इस घातक बीमारी को हराने के लिए आपस में सहयोग करने और एक-दूसरे की मदद करने का उच्च समय है, ताकि देश फिर से तरक्की की राह पर फिर से चल पड़े।
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