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Saturday, February 8, 2020

सरदार भगत सिंह जी पर आसान निबंध - Essay on Sardar Bhagat Singh In Hindi

Essay on Sardar Bhagat Singh In Hindi (350 Words)

निबंध- भगत सिंह




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Bhagat Singh
सरदार भगत सिंह एक युवा भारतीय क्रांतिकारी थे जिन्हें भगतसिंह कहा जाता है। उन्हें भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन के सबसे प्रभावशाली क्रांतिकारियों में से एक माना जाता है। अमर शहीदों में सरदार भगत सिंह का नाम सबसे प्रमुख रूप से लिया जाता है। जिंदाबाद का उनका नारा ने युवाओं पर स्वतंत्र स्वतंत्रता आंदोलन के दौरान काफी प्रभाव डाला था।

भगत सिंह का जन्म 28 सितंबर 1907 को पंजाब के लायलपुर जिले में बंगा गांव के एक सिख परिवार में हुआ था। जो अब पाकिस्तान में है। उनके पिता का नाम सरदार किशन सिंह था। और माता का नाम विद्यावती कौर था। दादा अर्जुन सिंह, पिता किशन सिंह और चाचा अजीत सिंह सभी स्वतंत्रता संग्राम में सक्रिय थे।

1916 में भगत सिंह DAV स्कूल में अध्ययन करते हुए लाहौर में कुछ प्रसिद्ध राजनीतिक नेताओं जैसे लाला लाजपत राय और रासबिहारी बोस के संपर्क में आए। उस समय भगत सिंह 9 साल के थे। यहां उनकी राष्ट्रीयता की भावना को काफी बल मिला। स्कूल की पढ़ाई के साथ-साथ वे क्रांतिकारी गतिविधियों में भाग लेने लगे थे।

13 अप्रैल 1919 को अमृतसर में जलियांवाला बाग हत्याकांड का भगत सिंह पर गहरा असर हुआ और वे इस ब्रिटिश क्रूरता को सहन नहीं कर सके। भगत सिंह दूसरे दिन वहां जाकर खून से सनी मिट्टी ले आए थे। लाहौर के राष्ट्रीय कॉलेज से अध्ययन छोड़ने के बाद भगत सिंह ने भारत की स्वतंत्रता के लिए नौजवान भारत सभा की स्थापना की थी।

1929 में भगत सिंह और उनके सहयोगियों ने मिलकर दिल्ली के केंद्रीय विधानसभा में बम फेका और नारा लगाया इंकलाब जिंदाबाद, अंग्रेज साम्राज्यवाद का नाश हो। विस्फोट करने के बाद वे वहां से भागे नहीं बल्कि उन्होंने अपनी भागीदारी कबूलते हुए पुलिस में आत्मसमर्पण कर दिया।

23 मार्च 1931 को भगत सिंह और उनके दो साथियों के साथ राजगुरु और सुखदेव को फांसी पर लटकाया गया था। जब भगत सिंह को मौत की सजा सुनाई गई थी, उस समय वे सिर्फ 23 वर्ष के थे भारत के लोगों ने भगत सिंह को "शहीद ए आजम" का नाम दिया जिन्होंने देश की आजादी की लड़ाई में अपने प्राणों का बलिदान हंसते हंसते दे दिया था।

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3 comments:

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