Essay Writing, Letter Writing, Notice Writing, Report Writing, Speech, Interview Questions and answers, government exam, school speeches, 10 lines essay, 10 lines speech

Recent

Search Box

Tuesday, January 28, 2020

डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन पर निबंध - Essay on Dr. Sarvepalli Radhakrishnan In Hindi

Essay on Dr. Sarvepalli Radhakrishnan In Hindi

डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन पर निबंध

डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन जी एक महान व्यक्ति और प्रसिद्ध शिक्षक थे। डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन का जन्म 5 सितंबर 1888 को भारत के तिरुतनि स्थान पर (वर्तमान में आंध्रप्रदेश) हुआ था। उनके पिता का नाम 'सर्वपल्ली वीरास्वामी' और माता का नाम 'सीताम्मा' था। उनके पिता राजस्व विभाग में काम करते थे। डॉ॰ राधाकृष्णन एक ग़रीब किन्तु विद्वान ब्राह्मण की सन्तान थे। इनके 4 भाई और 1 बहन थी। उनका परिवार अत्यंत धार्मिक था। उनका बाल्यकाल तिरुतनी एवं तिरुपति जैसे धार्मिक स्थलों पर ही व्यतीत हुआ।

Essay_on_Dr._Sarvepalli_Radhakrishnan, Hindi_Essay_on_Dr._Sarvepalli_Radhakrishnan
Dr. Sarvepalli Radhakrishnan

इनके परिवार की आर्थिक स्थिति बहुत खराब थी इसलिये इन्होंने अपनी अधिकतर शिक्षा छात्रवृत्ति की मदद से पूरी की। वह शुरू से ही पढाई-लिखाई में काफी रूचि रखते थे। डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन की प्रारंभिक शिक्षा क्रिश्चियन मिशनरी संस्था लुथार्न मिशन स्कूल, तिरुपति में 1896-1900 के बीच हुई। 1900-1904 तक उन्होंने वेल्लूर में शिक्षा ग्रहण किया था। सन 1902 में मैट्रिक स्तर की परीक्षा उत्तीर्ण की और उन्हें छात्रवृत्ति भी प्राप्त हुई। उन्होंने मद्रास क्रिश्चियन कॉलेज, मद्रास में शिक्षा ग्रहण की। उन्होंने दर्शन-शास्त्र में एम्. ए. किया और सन 1916 में मद्रास रेजीडेंसी कॉलेज में दर्शन-शास्त्र के सहायक प्राध्यापक नियुक्त हुए। बाद में उसी कॉलेज में वे प्राध्यापक भी रहे। वह बचपन से ही मेधावी छात्र थे।

1903 में 16 वर्ष की आयु में ही उनका विवाह दूर के रिश्ते की बहन 'सिवाकामू' के साथ हुआ। उस समय उनकी पत्नी की आयु मात्र 10 वर्ष की थी। 

डॉ. राधाकृष्णन एक अच्छे लेखक भी थे जिन्होंने भारतीय परंपरा, धर्म और दर्शन पर कई लेख और किताबें लिखी हैं। जिनमें ‘द फिलासोफी ऑफ द उपनिषद’, ‘ईस्ट एंड वेस्ट-सम रिफ्लेक्शन्स’, ‘भगवदगीता’, ‘ईस्टर्न रिलीजन एंड वेस्टर्न थाट’, ‘एन आइडियलिस्ट व्यू ऑफ लाइफ’, ‘इंडियन फिलासोफी’, ‘हिन्दू व्यू ऑफ लाइफ’ इत्यादि प्रमुख हैं।

डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन जी 13 मई 1952 से 12 मई 1962 तक भारत के उप-राष्ट्रपति के पद पर रहे। उसके बाद वे 13 मई 1962 से 13 मई 1967 तक भारत के राष्ट्रपति के पद पर रहे। वह स्वतंत्र भारत के दूसरे राष्ट्रपति थे।

वे भारतीय संस्कृति के संवाहक, महान दार्शनिक, प्रख्यात शिक्षाविद और एक आस्थावान हिन्दू विचारक थे। उनके इन्हीं गुणों के कारण सन् 1954 में भारत सरकार ने उन्हें सर्वोच्च सम्मान ‘भारत रत्न’ से सम्मानित किया था। उनके द्वारा किये गये महान कार्यों के कारण उनको श्रद्धांजलि देने के लिये 5 सितंबर को पूरे देश में विद्यार्थियों द्वारा हर वर्ष उनका जन्मदिन शिक्षक दिवस के रुप में मनाया जाता है। उनकी मृत्यु 17 अप्रैल 1975 को 86 वर्ष की आयु में हुई थी। शिक्षा जगत में डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन जी का नाम सदैव याद रखा जाएगा।

You can visit our YouTube channel : www.youtube.com/SilentCourse
You can visit our Facebook Page    : www.facebook.com/SilentCourse

No comments:

Post a Comment