निबंध : चंद्रशेखर आजाद
चंद्रशेखर आजाद एक निडर क्रांतिकारी और एक महान स्वतंत्रता सेनानी थे। उनका जन्म 23 जुलाई 1906 को भारत के भावरा गाँव, मध्य प्रदेश में हुआ था। चन्द्रशेखर आजाद जिन्हें आजाद के नाम से भी जाना जाता है। चंद्रशेखर आजाद का असली नाम चंद्रशेखर तिवारी था। उनके पिता का नाम सीताराम तिवारी और माता का नाम जगरानी देवी था। वह भगत सिंह के गुरु के रूप में जाने जाते थे। उन्होंने अपनी प्रारंभिक स्कूली शिक्षा अपने भावरा गाँव में ही प्राप्त की। उच्च अध्ययन के लिए वे बनारस गए और वहां एक संस्कृत पाठशाला में पढ़ाई की ।
चंद्रशेखर आजाद जब केवल 15 वर्ष के थे तभी वे महात्मा गांधी के नेतृत्व वाले असहयोग आंदोलन में शामिल हो गए थे। 15 साल की उम्र में चंद्रशेखर आज़ाद को ब्रिटिश पुलिस ने क्रांतिकारी गतिविधियों में लिप्त होने के लिए पकड़ा था और 15 कोड़े मारने की सजा सुनाई थी। वह 1925 की काकोरी ट्रेन डकैती में भी शामिल थे। उन्होंने 1926 में वायसराय की ट्रेन को उड़ाने की भी कोशिश की थी। महात्मा गांधी ने चंद्रशेखर तिवारी को एक नया नाम “आजाद” दिया और तभी से लोग उन्हें चंद्रशेखर आजाद नाम से जानने लग गए।
चंद्रशेखर आजाद और भगत सिंह ने सितंबर 1928 में एचआरए के रूप में एचएसआरए को गुप्त रूप से पुनर्गठित किया। वह 1928 में लाहौर में लाला लाजपत राय की नृशंस हत्या के विरोध में सक्रिय थे। चंद्रशेखर आजाद ने लाला लाजपत राय की हत्या करने वाले ब्रिटिश अधिकारी जॉन सौंडर्स की हत्या कर लाला लाजपतराय की मृत्यु का बदला लिया था। उनका सिर्फ एकमात्र उद्देश्य भारत को स्वतंत्र बनाना था।
27 फरवरी 1931 को इलाहाबाद के अल्फ्रेड पार्क में आज़ाद का निधन हो गया। वहां पार्क में एक लंबी गोलीबारी के बाद कभी जीवित न पकडे जाने की प्रतिज्ञा याद करते हुए, उन्होंने अपनी आखिरी गोली से स्वयं को गोली मातृभूमि के लिए प्राणों की आहुति दे दी। । इसलिए चंद्रशेखर आजाद जी को भारत के सबसे महान स्वतंत्रता सेनानियों और क्रांतिकारियों में से एक माना जाता है।
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