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Sunday, February 10, 2019

अटल बिहारी वाजपेयी पर निबन्ध - Essay on Atal Bihari Vajpayee in Hindi


अटल बिहारी वाजपेयी पर निबन्ध

भारत के राजनैतिक इतिहास में अटल बिहारी वाजपेयी जी का नाम सर्वप्रथम महान नेताओ में आता है। अटल बिहारी वाजपेयी का नाम केवल एक नेता के रूप में ही नहीं एक कवि, लेखक, पत्रकार और एक ऊँचे चरित्र वाले व्यक्ति के रूप में भी लिया जाता है। पूर्व प्रधानमन्त्री श्री अटल बिहारी वाजपेयी जी देश के एकमात्र ऐसे नेता हैं, जो अपनी पार्टी में ही नहीं बल्कि विपक्ष पार्टी के लिए भी बहूत सम्माननीय रहें हैं।

पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी का जन्म 25 दिसंबर 1924 ई० को भारत के मध्य प्रदेश राज्य में स्थित ग्वालियर के शिंदे की छावनी में हुआ था। इनके पिता पण्डित कृष्णबिहारी वाजपेयी एक स्कूल शिक्षक थे और दादा पण्डित श्यामलाल वाजपेयी संस्कृत के जाने-माने विद्वान् थे। उनकी माता श्रीमती कृष्णा देवी धार्मिक संस्कारों वाली महिला थीं। इनके तीन भाई और तीन बहन हैं। अटल जी आठ वर्ष की उम्र में ही राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के सम्पर्क में आ गये थे। तभी से उन्होंने तय कर लिया था कि सब कुछ छोड्‌कर वे केवल देश के लिए सब कुछ करेंगे।
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Pic of Atal Bihari Vajpayee

Essay on Atal Bihari Vajpayee In English: Click to read

अटल बिहारी वाजपेयी जी की प्रारम्भिक शिक्षा भिंड तथा ग्वालियर में हुई। उन्होंने गवालियर के विक्टोरिया कॉलेज से बीए, तथा कानपुर के डी.ए.वी. कॉलेज से राजनीति शास्त्र में एमए की परीक्षा प्रथम श्रेणी में पास की। इसके पश्चात कानून की पढ़ाई करने के लिए विश्वविद्यालय में प्रवेश लिया।

1942 के 'भारत छोड़ो' आन्दोलन में अटल जी नें भी भाग लिया था और 24 दिन तक कारावास में रहे। उन्होंने पत्रकारिता के क्षेत्र में बहूत प्रसिद्धि प्राप्त की। अटल जी ने अनेक पुस्तकों की रचना की। अटल जी एक कुशल वक्ता भी हैं। पत्रकारिता से अटलजी ने राजनीति में प्रवेश किया।

सन् 1977-78 में जनता पार्टी की सरकार में अटल जी विदेश मंत्री रहे। 6 अप्रैल, 1980 को उन्होंने बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष की पद प्राप्त की। 16 मई 1996 को अटल जी ने देश के 10वें प्रधानमंत्री के रूप में शपथ ली। लेकिन इस बार अटल जी को संख्या बल के आगे त्याग-पत्र देना पड़ा था। 19 मार्च 1998 को पुनः अटल जी को देश के प्रधानमंत्री के रूप में शपथ दिलाई गई। 13 अक्टूबर 1999 को अटलजी ने तीसरी बार प्रधानमंत्री के रूप में शपथ ली और इस पद पर 2004 तक बने रहे।

अटल बिहारी वाजपेयी जी को पद्म विभूषण (1992), सर्वश्रेष्ठ सांसद पुरस्कार (1994), लोकमान्य तिलक पुरस्कार (1994), तथा पण्डित गोविंद वल्लभ पंत पुरस्कार (1994) सहित वर्ष 2014 में ‘भारत रत्न’ सम्मान से भी नवाजा गया है।

भारत के प्रधानमंत्री के रुप में अटल जी नें अपनी निगरानी में कई प्रकार से देश की प्रगति के रास्ते उत्पन्न किये। इस तरह देश की सेवा करते हुए 16 अगस्त 2018 को उनका निधन हो गया। उनके निधन के बाद पूरा भारत देश शोक में डूब गया था।

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